सायनाइड विषाक्तता ( Cyanide Poisoning)
सायनाइड विषाक्तता ( Cyanide Poisoning)
यह विषाक्तता हाइड्रोसाइएनिक एसिड तथा साइनोजेनेटिक पौधों
जैसे ज्वार बाजरा तथा मक्का आदि को खा लेने से उत्पन्न होती है। हालांकि खरीफ की फसल का लाजवाब हरा चारा है ज्वार जो कि बहुत ही पौष्टिक है और इसमें 8 से 10 प्रतिशत तक क्रूड प्रोटीन पाई जाती है। एक बार कटने वाली प्रजाति में 200 से 300 कुंतल हरा चारा प्रति हेक्टेयर और कई बार कटने वाली प्रजाति में 600 से 900 कुंतल हरा चारा प्रति हेक्टेयर प्राप्त किया जा सकता है। मगर एकबहुत बड़ा दुर्गुण भी है इसमें। इसके अंदर एक साइनोजेनिक ग्लूकोसाइड पाया जाता है जिसका नाम है *धूरिन*। ये धूरिन ही विषाक्तता की जड़ है। पशु के रुमेन में मौजूद सूक्ष्मजीव इस धूरिन का हाइड्रोलिसिस करके पशु के पेट में साइनाइड नामक जहर पैदा करते हैं।
लक्षण:
1.अधिक मात्रा में हाइड्रोसाइएनिक एसिड या साइनोजेनेटिक पौधे खा लेने से ऐठन उत्पन्न होने तथा स्वसन क्रिया के बंद हो जाने (स्वसन की मांसपेशियों का लकवा ग्रस्त हो जाने) के परिणाम स्वरूप पशु की तुरंत मृत्यु हो सकती है।
2.उत्तेजना तथा चकराना।
3. आंख की पुतलियों का फैल जाना/ चौड़ा हो जाना।
4. अत्याधिक लार का बहना।
5. गर्दन को एक और मोड़ कर पेट की तरफ रखना।
6. अनैच्छिक मूत्र तथा मल विसर्जन।
7. मांस पेशियों का कंपन तथा लड़खड़ाना।
8. एक विशेष चिल्लाहट के साथ मृत्यु।
शव परीक्षण:
1. शिराओं के रक्त का रंग चमकता हुआ लाल।
2. रक्त वाहिनवाहिनियों में
बिना जमा हुआ रक्त।
3. फेफड़ों में कंजेशन तथा कहीं-कहीं रक्त स्राव।
4. उदर के खोलने पर कड़वी बादाम जैसी विशेष गंध।
उपचार : तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सक से सलाह लेकर निम्नांकित उपचार लाभदायक हो सकते हैं
1. यदि संभव हो तो बमन/ उल्टी तथा स्टमक लवाज करा कर विष निकाला जाए।
2. सोडियम नाइट्राइट 20 ग्राम, सोडियम थायो सल्फेट 30 ग्राम, आसुत जल 500ml को आपस में मिलाकर 20 मिलीलीटर प्रति 50 किलोग्राम शरीर भार के अनुसार अंता सिरा सूची वेध
विधि से धीरे-धीरे दिया जाए तथा यदि आवश्यक हो तो एक बार पुनः दिया जाए।
3. सोडियम थायो सल्फेट 20% घोल, 10 मिलीलीटर प्रति 50 किलो ग्राम शारीरिक भार के अनुसार अंता शिरा सूची बेध द्वारा दिया जाए तथा यदि आवश्यक हो तो दोहरा दिया जाए।