पशु को खुरपका मुंहपका रोग - Foot And Mouth Disease (FMD) in Cattle
पशु को खुरपका मुंहपका रोग - Foot And Mouth Disease (FMD) in Cattle
यह जानवरों में होने वाला एक वायरल रोग है, जिसे अंग्रेजी भाषा में “फुट एंड माउथ डिजीज ” कहा जाता है। यह तेजी से फैलने वाला (संक्रामक) रोग है, जो प्रभावित जानवर के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है।
यदि पशु खुरपका मुंहपका रोग से ग्रस्त है, तो उसके दूध उत्पादन में काफी हद तक कमी आ सकती है। इस रोग से ग्रस्त कुछ पशु ठीक होने के बाद भी शारीरिक रूप से काफी कमजोर रहती हैं।
कुछ स्थितियां हैं, जिनमें यह वायरस संक्रमित जानवरों से अन्य स्वस्थ जानवरों में फैल सकता है -
संक्रमित पशु का स्वस्थ पशुों के झुंड में रहना
(खुरली या खोल) से चारा खाना या पानी पीना
वायरस से संक्रमित घास खाना (जिस घास में संक्रमित पशु की लार आदि मिली हो)
एक ही सुई का उपयोग करना
पशु में खुरपका मुंहपका रोग के लक्षण :
शरीर का तापमान बढ़ जाना (2 से 3 दिन तक बढ़ा रहना)
पशु के मुंह से निकलने वाली लार चिपचिपी, गाढ़ी और झागदार बन जाना
मुंह व जीभ पर छाले बन जाने के कारण घास कम खा पाना
खुर में घाव होने के कारण लंगड़ाते हुए चलना और कुछ गंभीर मामलों में चल ही न पाना
दूध उत्पादन कम हो जाना
Ayurvedic Remedy (Hindi)
(i) मुँह के छालों के लिए—रोग ग्रसित पशु के मुँह को निम्न एन्टीसेप्टिक घोल से धोयें-
(a) लाल दवा का घोल (b) फिटकरी का घोल
(ii) खुर (पैरों) के छालों के लिए
- डिटोल के घोल से अच्छी तरह धोयें ।